The Ultimate Guide To Shodashi

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क्षीरोदन्वत्सुकन्या करिवरविनुता नित्यपुष्टाक्ष गेहा ।

कर्तुं श्रीललिताङ्ग-रक्षण-विधिं लावण्य-पूर्णां तनूं

सौवर्णे शैलश‍ृङ्गे सुरगणरचिते तत्त्वसोपानयुक्ते ।

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पद्मरागनिभां वन्दे देवी त्रिपुरसुन्दरीम् ॥४॥

सा मे मोहान्धकारं बहुभवजनितं नाशयत्वादिमाता ॥९॥

यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।

वृत्तत्रयं च धरणी सदनत्रयं च श्री चक्रमेत दुदितं पर देवताया: ।।

The Tale can be a cautionary tale of the strength of need and the requirement to produce discrimination by means of meditation and subsequent the dharma, as we development within our spiritual check here route.

Sati was reborn as Parvati on the mountain king Himavat and his spouse. There was a rival of gods named Tarakasura who could possibly be slain only through the son Shiva and Parvati.

कर्त्री लोकस्य लीलाविलसितविधिना कारयित्री क्रियाणां

The essence of these activities lies during the unity and shared devotion they encourage, transcending specific worship to produce a collective spiritual atmosphere.

भर्त्री स्वानुप्रवेशाद्वियदनिलमुखैः पञ्चभूतैः स्वसृष्टैः ।

प्रासाद उत्सर्ग विधि – प्राण प्रतिष्ठा विधि

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